मुझे तो अपनो ने लुटा,
परायो मे कहाँ दम था!!
पिलाया था तो तुने जहर,
लेकिन अमृत से कहाँ कम था!!!
जिता था जिसके लिये,
जिसके लिये मरता था!
इक ऐसी लड्की थि,
जिसे मे प्यार करता था!!
मे इक बदनशिब इन्सान हु,
जो प्यार तो किया लिकिन,
उस्को यकिन नहिँ दिला पाया।
गलत मे हु या वो हे,
छोड्के तो वो चलिगई थि,
फरभि मे उसे गलत नहिँ बोल पाया!!
#Avisma
No comments:
Post a Comment